राम की खोज

  • रामायण तो मिलती है 
  • भारत के घर-घर में,
  • पर राम कहाॅं मिलते हैं 
  • आज किसी के घर में।
  •          सौ-सौ रावण,हर मौसम में 
  •           लेते जनम यहाॅं,
  •           दुख हरने की,हर भाषण में 
  •            खाते कसम यहाॅं,
  • मतलब के हनुमान बने
  • मिलते हैं हर घर में,
  • पर राम कहाॅं मिलते हैं 
  • आज किसी के घर में।
  •              मत पूछें हाल-चाल 
  •              लक्ष्मन और विभीषण का,
  •              बदल गया व्यवहार बहुत,
  •              भरत और शत्रुघ्न का।
  • तन-मन से घायल सीता 
  • मिलती है उस घर में,
  • पर राम कहाॅं मिलते हैं,
  • आज किसी के घर में।
  •               भोली जनता पिसा रही,
  •                अलग-अलग वादों में,
  •                अमरित की बारिश होती,
  •                केवल जन-संवादों में।
  • लिपिगत होती व्यथा-कथा 
  • जन कवियों के घर में,
  • पर राम कहाॅं लिख पाते
  • वे फिर अपने घर में।
  •                 कलह, द्वेष, ईर्ष्या का
  •                 खूनी युद्ध छिड़ा है,
  •                 लड़ने को मानव से 
  •                 लोभी दानव आ भिड़ा है।
  • राम राज्य का दिखता 
  •    सपना केवल अम्बर में,
  •   जबकि नहीं दिखेंगे राम 
  •   कभी किसी घर में।
  • ,
  • : मेहता नगेन्द्र सिंह पर्यावरण-चिन्तक
       

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