महाकुंभ में अब शाही स्नान नहीं अमृत स्नान,144 वर्षा के बाद समुद्र मंथन का दुर्लभ संयोग
प्रयागराज में प्रत्येक 12 वर्षों पर महाकुंभ में साथु-संतों का शाही स्नान अब अतीत के पन्नों में दर्ज हो जाएगा और महाकुंभ के साथ ही अमृत स्नान की शुरूआत होगी। शैव, शाक्त और वैष्णव संप्रदाय के साधु-संत संगम में पहली बार अमृत स्नान के लिए प्रवेश करेंगे। महाकुंभ में देश ही नहीं दुनिया भर के साधु-संत और श्रद्धालु पांच अमृत स्नान करेंगे। संगम के तट पर शाही स्नान की शुरुआत मकर संक्रांति पर 14 जनवरी को पहले अमृत स्नान के साथ होगी। 144 साल बाद महाकुंभ में बन रहा समुद्र मंथन का दुर्लभ संयोग, सिद्धि योग में श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे । कुंंभ योग और राशि परिवर्तन योग महाकुंभ को अति विशिष्ट बना रही है। शनि की कुंभ राशि एवं शुक्र तथा बृहस्पति के राशि परिवर्तन की स्थिति का संयोग 144 सालों के बाद बन रहा है।चंद्र एवं बृहस्पति के प्रिय ग्रह बुध मकर राशि में हैं जो बुधादित्य योग बना रहे हैं। कुंंभ योग और राशि परिवर्तन योग इस महाकुंभ को अति विशिष्ट बना रही है। शनि की कुंभ राशि एवं शुक्र तथा बृहस्पति के राशि परिवर्तन की स्थिति का यह संयोग 144 सालों के बाद बन रहा है।



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