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615 करोड़ बजट वाले चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण की तिथि और समय तय।
श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 13 जुलाई को अपराह्न 02 : 30 भरेगा उड़ान
डा.निरंजन की रिपोर्ट
पिछले सबक के बाद चंद्रयान-3 में किए गए हैं महत्वपूर्ण बदलाव
इसरो चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए सजग और सचेत
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने बहुप्रतीक्षित चंद्र मिशन यानी चंद्रयान-3 के लॉन्च किए जाने की तारीख की घोषणा कर दी है। यह रॉकेट 13 जुलाई को स्थानीय समयानुसार दोपहर 02 : 30 बजे लॉन्च किया जाएगा। जी हां , महज़ 14 दिन बाद इस बार चंद्रयान-3 अंतरिक्ष की उड़ान भरेगा और एक बार फिर सभी भारतीयों की नज़रें इस पर बनी रहेगी।
गौरतलब है कि 2019 में लॉन्च किए गए चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतरने और गतिविधियां करने की क्षमता दिखाई थी और काफी हद तक वह एक सफल मिशन था। हालांकि अब इस बार अपने पिछले सबक के बाद इसरो द्वारा चंद्रयान-3 मून मिशन के लिए भेजा जा रहा है। बता दें कि पिछला मिशन यानी चंद्रयान-2 चंद्रमा की परिक्रमा करने में कामयाब रहा था। हालांकि विक्रम लैंडर को हार्ड लैंडिंग का सामना करना पड़ा था। इसके कारण रोवर को योजना के अनुसार तैनात नहीं किया जा सका था। हालांकि इस बार इसरो के अधिकारी चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर आश्वस्त हैं और इसकी लॉन्च की तारीख 13 जुलाई निर्धारित की गई है।चंद्रयान-3 मिशन से उम्मीद है कि चंद्रमा के बारे में समझ और गहरी हो सकेगी। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट - लैंडिंग करना और बाद में रोबोटिक रोवर संचालित करने की क्षमता को दिखाना है।
मिली जानकारी के मुताबिक चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण यान मार्क-3 द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा। यह प्रक्रिया 13 जुलाई को दोपहर 02 : 30 बजे होगी। इस मिशन के तहत चंद्रयान-3 प्रोपेलेंट मॉड्यूल " लैंडर " और "रोवर " को 100 किलोमीटर तक चंद्रमा की कक्षा में ले कर जाएगा। इतना ही नहीं चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी के ध्रुवीय मापन का अध्ययन करने हेतु एक "स्पेक्ट्रो - पोलरमेट्री " पेलोड भी इसके साथ जोड़ा गया है।
सर्वविदित है कि इस मिशन का बजट 615 करोड़ रुपये है। इस बार जोखिमों को कम करने के लिए चंद्रयान-3 को कठोर परीक्षण और सत्यापन प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ा है। चंद्र पेलोड कॉन्फिगरेशन समेत मिशन डिजाइन को पिछले मिशन से सीखे सबक को ध्यान में रखते हुए ऑप्टिमाइज किया गया है।
इस मिशन में चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर भी शामिल होंगे लेकिन इस बार ऑर्बिटर नहीं होगा। चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण की तैयारी जारी है।
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