गीता प्रेस गोरखपुर को मिलेगा गांधी शांति पुरस्कार,  प्रेस की 1923 में हुई थी शुरुआत


दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक , 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें की प्रकाशित  
नई दिल्ली।गीता प्रेस गोरखपुर को मिलेगा गांधी शांति पुरस्कार, पीएम मोदी ने ट्वीट कर  बधाई दी है।
:संस्कृति मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुनने का फैसला किया है। यह  पुरस्कार अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा. 

गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार-2021 से सम्मानित किए जाने पर पीएम  ने बधाई दी है. ट्वीट किया, लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में गीता प्रेस ने पिछले 100 वर्षों में सराहनीय काम किया है. मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं.
1995 में हुई थी गांधी शांति पुरस्कार की शुरूआत 
गांधी शांति पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है, जिसकी शुरूआत सरकार ने 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर गांधी की ओर से प्रतिपादित आदर्शों को सम्मान देते हुए की थी. 

गीता प्रेस की शुरुआत साल 1923 में हुई थी और ये दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें श्रीमद्‍भगवद्‍गीता की 16.21 करोड़ प्रतियां शामिल हैं. 

मालूम हो कि सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद, ओमान (2019) और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, बांग्लादेश (2020) को यह पुरस्कार दिया गया है.

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