बच गई महाराष्ट्र की शिंदे सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- विधायकों की अयोग्यता पर हम फैसला नहीं लेंगे

 नई दिल्ली,11 मई। सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की उस याचिका पर फैसला सुनाया है, जिसमें शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी.सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अगर उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते तो कोर्ट उन्हें बहाल कर सकती थी, लेकिन कोर्ट इस्तीफे को रद्द नहीं कर सकती. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि राज्यपाल ने यह निष्कर्ष निकाल कर गलती की कि उद्धव ठाकरे सदन में बहुमत खो चुके हैं. चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत ठाकरे द्वारा सौंपे गए इस्तीफे को रद्द नहीं कर सकती है.

पीठ ने उल्लेख किया कि याचिकाकर्ताओं ने यथास्थिति बहाल करने का तर्क दिया है, हालांकि, ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया. पीठ ने कहा कि विधायकों (एकनाथ शिंदे गुट) को सुरक्षा की कमी इस निष्कर्ष का कारण नहीं है कि एक सरकार गिर गई, बल्कि राज्यपाल द्वारा भरोसा किए जाने का एक कारण है.शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यपाल के पास महा विकास अघाड़ी सरकार के विश्वास पर संदेह करने और फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाने के लिए कोई तथ्य नहीं है. पीठ ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस और निर्दलीय विधायकों ने भी अविश्वास प्रस्ताव नहीं रखा और राज्यपाल के विवेक का प्रयोग कानून के अनुसार नहीं था.

पीठ ने कहा कि न तो संविधान और न ही कानून राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने और अंतर-पार्टी विवादों में भूमिका निभाने का अधिकार देता है. शीर्ष अदालत ने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों के विद्रोह के संबंध में महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट पर अपना फैसला सुनाया, जिसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि व्हिप जारी करने का अधिकार पॉलिटिकल पार्टी लीडर को है न कि विधायक दल के नेता को. कोर्ट ने ये भी कहा कि स्पीकर की ओर से चीफ व्हिप नियुक्त करना ग़लत था. कोर्ट ने तय किया कि अगर स्पीकर के खिलाफ हटाने का प्रस्ताव लंबित है तो वो विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं ले सकते. वहीं चुनाव चिन्ह को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिंबल निर्धारित करने से चुनाव आयोग को नहीं रोका जा सकता. उसे उसकी संविधानिक जिम्मेदारी निभाने से नहीं रोका जा सकता.सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की . फैसले पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं. एमवीए की उम्मीदों पर पानी फिरा.
महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. उद्धव को मालूम था कि उनके पास बहुमत नहीं है. उद्धव नैतिकता की बात ना करें. सत्य की जीत हुई है. कानून के मुताबिक सरकार बनाई. हमने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. हमने लोगों के विचार का सम्मान किया. बाला साहेब के विचारों का सम्मान किया. उद्धव के इस्तीफे में नैतिकता नहीं डर था. नैतिकता की बात उद्धव पर शोभा नहीं देती. शिवसेना बचाने का काम हमने किया है. चुनाव आयोग ने हमें सिंबल दिया.

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