आशा पारेख को भारतीय सिनेमा का सर्वाेच्च सम्मान

बीतेे जमाने की मशहूर अदाकारा *आशा पारेख* को भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में सर्वाेच्च सम्मान माना जानेवाला *दादा साहब फाल्के पुरस्कार* से सम्मानित किया जायेगा। यह घोषणा केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने की। 79 वर्ष की हो चुकी आशा पारेख को हिन्दी सिनेमा में सबसे प्रभावशाली अभिनेत्रियों में शुमार किया जाता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सितम्बर महीने की 30 तारीख को उन्हें यह सम्मान प्रदान करेंगीं। 
अनुराग ठाकुर के मुताबिक, दादा साहेब फाल्के कमिटी के सदस्यों में मशहूर गायिका आशा भोंसले, अभिनेत्री हेमा मालिनी, अभिनेत्री पूनम ढिल्लो और गायक उदित नारायण झा शामिल हैं। इन सभी ने मिलकर कमिटी की बैठक की और आशा पारेख को चुना गया।

10 साल की उम्र में फिल्मों में कदम रखनेवाली आशा पारेख की पहली फिल्म विमल रॉय की ‘मां’ थी। लगभग सौ फिल्मों में काम कर चुकीं आशा पारेख को पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। आशा पारेख की सुपरहिट फिल्‍मों में ‘जब प्यार किसी से होता है’, ‘फिर वही दिल लाया हूं’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘बहारों के सपने’, ‘प्यार का मौसम’ ‘कटी पतंग’ और ‘कारवां’ शामिल हैं। ‘दिल देके देखो’, ‘कटी पतंग’, ‘तीसरी मंजिल’ और ‘कारवां’ फिल्मों में यादगार भूमिकाओं के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। 1990 के दशक में उन्होंने निर्देशक एवं निर्माता के तौर पर टीवी नाटक ‘कोरा कागज’ का निर्देशन किया था, जिसे काफी सराहा गया था।
मशहूर फिल्म निर्देशक नासिर हुसैन ने आशा पारेख को लेकर कई फिल्में बनायीं। सभी फिल्मों को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। आशा परेख अभिनीत मशहूर फिल्मों में *‘ *जब प्यार किसी से होता है* ’, *‘फिर वही दिल लाया हूं’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘बहारों के सपने’ ‘प्यार का मौसम’ और ‘कारवां’** ने जबरदस्त सफलता हासिल की. उनकी हिट फिल्मों में *‘दो बदन’, ‘चिराग’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’,* और *‘कटी पतंग’* भी शामिल हैं. ‘कटी पतंग’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला।

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