भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, तेज विकास दर में नीतीश कुमार का हमेशा साथ दिया -सम्राट चौधरी

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व० सुशील कुमार मोदी के जयंती समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री, पुष्प अर्पित कर दी अपनी श्रद्धांजलि

पटना, 05 जनवरी । मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार आज पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में 
सुशील कुमार मोदी स्मृति शोध संस्थान द्वारा आयोजित बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व० सुशील कुमार मोदी के जयंती समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्व० सुशील कुमार मोदी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम के दौरान सुशील कुमार मोदी स्मृति शोध संस्थान के अध्यक्ष  संजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री को अंग वस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर स्वागत किया।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री  विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री  मंगल पांडेय सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
 
      
        
 उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि स्वर्गीय सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद और उनके जैसे बड़े घोटालेबाजों को कानून के शिकंजे में लाकर जेल भेजने का काम किया । चारा घोटाला हो, महागठबंधन सरकार के समय का मॉल- मिट्टी घोटाला हो या रेलवे की नौकरी के बदले गरीबों की जमीन लेने का घोटाला हो, सुशील मोदी ने लालू परिवार के हर भ्रष्टाचार को पोख्ता सबूत के साथ उजागर किया। वे एक तरफ भ्रष्टाचार और घोटालों पर हमला करते रहे तो दूसरी तरफ  बिहार में एनडीए सरकार और विकास की राजनीति के बड़े शिल्पकार भी थे। 
  सुशील कुमार मोदी शोध संस्थान की ओर से राजधानी के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित जयंती समारोह में श्री चौधरी ने कहा कि सुशील मोदी जी 13 वर्षों तक  बिहार की एनडीए सरकार के वित्त मंत्री रहे । इस नाते उन्होंने वित्तीय अनुशासन लाने और बिहार को बीमारू राज्य की कतार से उठाकर सबसे तेज विकसित होने वाला प्रदेश बनाने में बड़ी भूमिका निभायी। 
श्री चौधरी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और तेज विकास दर हासिल करने में सुशील जी ने हमेशा नीतीश कुमार का साथ दिया। वे अपनी इन्ही क्षमताओं की वजह से मुख्यमंत्री के निकट थे।
    उन्होंने कहा कि  भाजपा-जदयू की गठबंधन सरकार को टिकाऊ और परिणामदायक बनाने में  सुशील मोदी ने समन्वय का जो राजनीतिक कौशल दिखाया, वह हम सबके लिए प्रेरणादायक है। 
श्री चौधरी ने कहा कि 1990 में जब वह पहली विधायक बने, तब  सामाजिक न्याय और दलितों-पिछड़ों के सम्मान के लिए संघर्ष का महत्वपूर्ण दौर था। ऐसे समय में सुशील मोदी ने भाजपा को सामाजिक न्याय के साथ मजबूती से खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी । 
    उन्होंने कहा कि संविधान, अम्बेडकर,  आरक्षण ,  जातीय जनगणना, संसदीय परम्परा, बजट , जीएसटी और वित्तीय प्रबंधन पर पार्टी का पक्ष सर्वाधिक प्रभावशाली ढंग से रखने में सुशील मोदी की प्रतिभा का लोहा माना जाता था। 
      श्री चौधरी ने कहा कि बिहार में किसी बड़ी घटना-दुर्घटना के बाद सबसे पहले वहाँ पहुंचने की तत्परता उन्होंने कर्पूरी ठाकुर ( अब भारत रत्न) से सीखी थी और इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते थे। 
 उन्होंने कहा कि यह सुशील मोदी की अद्भुत प्रतिभा और लोकप्रियता का प्रमाण है कि वे बिहार विधान मंडल और संसद , यानी विधायिका के सभी चार सदनों के सदस्य रह चुके थे।
  उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता रहने और जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के बाद सुशील जी भाजपा के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी की प्रेरणा से चुनावी राजनीति में आये थे। उनका जीवन और संघर्ष नई पीढी को सदा सकारात्मक राजनीति का मार्ग दिखाता रहेगा। 

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