प्रशांत किशोर बोले-हमारी सरकार बनी तो बिहार से मिनटों में शराबबंदी हटाएंगे

पटना। जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर जनसुराज की सरकार आती है, तो शराबबंदी को मिनटों में हटा दिया जाएगा.
2अक्टूबर को अननी जनसुराज पार्टी लांच करने की तैयारी में जुटे प्रशांत किशोर बिहार विधान सभा का आसन्न चुनाव अकेले अपने दमखम सभी 243 सीटों पर लडने और सरकार बनाने का दावा ठोकते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी से बिहार को हर साल 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. जो शराब माफिया, भ्रष्ट अधिकारी और नेताओं की जेब में जा रहा है.

प्रशांत किशोर का मानना है कि शराबबंदी का कोई सामाजिक फायदा नहीं है, बल्कि इससे युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है और वे शराब माफिया के हाथों का खिलौना बनते जा रहे हैं. उनके मुताबिक, शराबबंदी से गरीब और वंचित समाज सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और इस निर्णय को वापस लेना आवश्यक है ताकि लोगों की संपत्ति की लूट और युवाओं का नुकसान रोका जा सके.
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि जब से शराबबंदी लागू हुई है तब से 8.5 लाख मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें 1.25 लाख लोग जेल जा चुके हैं. इनमें से अधिकतर गरीब और पिछड़े वर्ग से आते हैं, 
प्रशांत किशोर ने कहा शराबबंदी हटाने से अगर महिला का वोट नहीं भी मिलते, तो भी इसे हटाना जरूरी है. क्योंकि यह समाज के हित में नहीं है, हमारा उद्देश्य युवाओं को माफियाओं के चंगुल से बचाना और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है.
बिहार में 1 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी है ।सीएम कहते रहे हैं शराबबंदी को महिलाओं की मांग का खूब समर्थन मिला है. 2009 में छपरा के सिताबदिरा से शुरू हुए शराबबंदी आंदोलन ने बिहार में देखते-देखते बड़ा रूप ले लिया. आखिर महिलाओं की मांग पर नीतीश सरकार ने 1 अप्रैल 2016 में बिहार में शराबबंदी कर दी. शराबबंदी के बाबजूद इसका काला बाजार भी प्रदेश में खूब फला-फूला है.आये दिन शराब की खेप पकडने जाने की खबरें छपती रही है। यह शराब माफिया और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के कारण पडोसी राज्यों से विभिन्न छोटे-बड़े वाहनों आई शराब की होम डिलीवरी से सुलभ है।
*राहुल गांधी कब क्या बोलते हैं उन्हें भी नहीं पता, चुनाव में जाति जनगणना की बात कर रहे थे और अब अमेरिका जाकर आरक्षण खत्म करने का बोल रहे हैं*

 उधर किशोर ने पूर्णियाँ में प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए देश के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर अपनी ही बात से पलटने के लिए तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कब क्या बोल दे उनको खुद को भी नहीं पता। कुछ महिनों पहले जब देश में लोकसभा चुनाव थे तब वह पूरे देश में घूम-घूमकर जाति जनगणना की बात कर रहे थे और कह रहे थे कि अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट की तय 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को भी बढ़ाए जाना चाहिए। लेकिन अब वह अमेरिका जाकर अपनी ही बात से पलट गए हैं। इसलिए अब उनकी आरक्षण को लेकर क्या विचार और सोच हैं वह तो उनके साथी कांग्रेसी नेता ही बेहतर बता पाएंगे।


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