नवादा में  मना फोटोग्राफी डे
बंटी पाण्डेय की रिपोर्ट 
नवादा।फोटोग्राफी के पितामह के रूप में चर्चित जिले के सबसे पुराने फोटोग्राफर उमेश प्रसाद ने 19 आज केक काटकर वर्ल्ड फोटोग्राफी डे मनाया। 
 उन्होंने पिछले 51 वर्षों से अपने प्रतिष्ठान के द्वारा नवादा जिले की फोटोग्राफी को नया आयाम दिया, वहीं पूरे जिले में कई जानेमाने फोटोग्राफरों को भी जन्म दिया।
विश्व स्तर के दो बड़े वैज्ञानिकों जोसेफ नाइसफोर एवं लेविस डॉगेर ने पहली बार 19 अगस्त 1839 में फोटोग्राफी की थी। बाद में डेविड मैथलैंड, ब्रायन स्केरी, पीटर चैडविक आदि ने फोटोग्राफी को विश्वस्तरीय बनाया और उसे काफी आगे बढ़ाया। 
भारत की फोटोग्राफी को आर बर्मन, रघु राय, विक्रम बावा, रोहन श्रेष्ठ आदि ने नया आयाम दिया। इन लोगों ने विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी में प्रवीणता हासिल की और अपनी कला से फिल्म एवं कला आदि को शीर्ष पर पहुँचाने का कार्य किया।
वहीं जिला नवादा की फोटोग्राफी के क्षेत्र में उमेश कुमार का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है। उनकी इस गौरवमयी परंपरा को बढ़ाते हुए उनके कलाकार सुपुत्र आनंद कुमार जिले को डिजिटल फोटोग्राफी के बाद अब लेजर प्रिंटिंग की सौगात दे रहे हैं। 
इस दिवस पर आनंद कुमार ने अपने पिता उमेश प्रसाद के हाथों फीता कटवा कर जहाँ वर्ल्ड फोटोग्राफी डे मनाया, वहीं उनकी बाद की पीढ़ी के आशीष आनंद ने समारोह में शामिल जिले के जानेमाने फोटोग्राफर प्रभु सिंह, सीताराम सिंह, विनोद कुमार आदि का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया। 
विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए जिले के ख्यातिलब्ध साहित्यकार डॉ. गोपाल निर्दोष ने उमेश प्रसाद को उल्लेखनीय व्यक्तित्व के रूप में बताते हुए उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु होने की शुभकामना की। उनके द्वारा स्थापित स्टूडियो आनंद को जिले के ऐसे धरोहर के रूप में की संज्ञा दी, जिसे संरक्षित रखने की अत्यावश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने फोटोग्राफी के क्षेत्र में उमेश प्रसाद को प्रेरक बताते हुए कहा कि नवादा का डिजिटल आर्ट्स सदैव उनका ऋणी रहेगा। उनके कलाकार पुत्र आनंद को उन्होंने यूथ आइकन बताते हुए आज के युवाओं को इस बात का संदेश दिया कि आज एंड्रॉइड मोबाइल के आ जाने से जहाँ अनेक फोटोग्राफर बेरोजगारी के कगार पर चले गए हैं, । फोटोग्राफी के क्षेत्र में आनंद नित नये प्रयोग कर रहा है। इस गौरवपूर्ण अवसर पर आशीष आनंद, विवेक कुमार, कृष्णा पंडित आदि के साथ-साथ शहर के जानेमाने दर्जनाधिक समाजसेवी, कलाप्रेमी आदि मौजूद थे।


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