नाराजगी के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने की  सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की नियुक्ति

नई दिल्ली,04 फरवरी।लंबे इंतजार और सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की नियुक्ति कर दी है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुहर लगा दी है.6 फरवरी को ले सकते हैं शपथ: राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्तल, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय क़रोल, मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी बी संजय कुमार, पटना हाईकोर्ट के जज जस्टिस अहसानुउद्दीन अमानुल्ला और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस मनोज मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए जाने की अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट ने की थी. इनके द्वारा सोमवार 6 फरवरी 2023 को शपथ ग्रहण करने की संभावना है.
 बताया जा रहा है कि नए न्यायाधीश सोमवार को शपथ ले सकते हैं. बता दें कि केंद्र के इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या कुल 32 हो गई है. जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जज जस्टिस मनोज मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त करने का वारंट जारी किया गया है.सुप्रीम कोर्ट में जजों के 34 पदों में 7 हैं खाली
उधर सीजेआई डीवाई चंद्रचुड़ की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में दो और जजों की नियुक्ति की सिफारिश की हो पहले से सुप्रीम कोर्ट में पांच नये जजों की नियुक्ति की सिफारिश केंद्र सरकार के विचाराधीन है।इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिन्दल और गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने का नया प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। सुप्रीम कोर्ट के जज65 वर्ष की उम्र तक रह सकते हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अभी तक 27 जज हैं. पांच नए जजों के आते ही यह संख्या 32 हो जाएगी. अगले हफ्ते में उम्मीद है कि दो और जजों के नामों की सिफारिश को केंद्र सरकार अपनी मंजूरी दे दे. इन दो नामों की सिफारिश भी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में की है. उन नियुक्तियों को मंजूरी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट फिर से पूर्ण क्षमता वाला हो जाएगा. हालांकि इस साल औसतन हर डेढ़ महीने में एक जज का रिटायरमेंट है. यानी कुल 9 जज इस साल 65 साल के हो जाएंगे और उनकी सेवानिवृत्ति इस साल तय है.

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