उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का क़ानून बनने के बाद यह दूसरा राज्य होगा जहां पर इस तरह का क़ानून बनाया जाएगा। अभी तक सिर्फ गोवा में ही यह क़ानून बनाया गया है