फिलहाल ओबीसी को 14% आरक्षण
रांची,22 दिसम्बर। झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी । बुधवार को राज्य सरकार ने कई मुद्दों पर अपना जवाब रखे। इसके तहत हेमंत सोरेन सरकार राज्य में आरक्षण की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है इसे 50 प्रतिशत से बढ़ा कर 73 प्रतिशत किये जाने की मांग पर सरकार जल्द फैसला लेगी।इसके लिए एक उपसमिति का भी गठन होगा.
राज्य में एसटी, एससी सहित पिछड़े वर्ग को कुल 73 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग देने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचाराधीन है। दो माह में एक उपसमिति बनाकर इस पर विचार करेगी। 73 प्रतिशत में एसटी को 32 प्रतिशत, एससी को 14 और पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव है.।आजसू विधायक सुदेश कुमार महतो के गैर सरकारी संकल्प प्रस्ताव पर संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने सदन में यह जानकारी दी।श्री महतो की अनुपस्थिति में गैर सरकारी संकल्प पर डॉ लंबोदर महतो ने पक्ष रखा।
डॉ लंबोदर ने कहा कि वर्ष 2000 में मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 14 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा की थी।जो कुल 73 प्रतिशत था लेकिन, आज तक आरक्षण में उचित भागीदारी नहीं देना राज्य की बड़ी आबादी के संवैधानिक अधिकारों का हनन है।
ओबीसी को सिर्फ 14 फीसदी आरक्षण शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन पहली पाली मेें विधायक अंबा प्रसाद ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की मांग रखी़ विधायक अंबा प्रसाद का कहना था कि झारखंड में ओबीसी को सिर्फ 14 प्रतिशत आरक्षण मिलता है. पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में ओबीसी की आबादी करीब 55 प्रतिशत है। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार संवेदनशील है। इस पर मंथन चल रहा है।सरकार इसपर कमेटी बनायेगी।