सुप्रीम कोर्ट से सुनील सिंह को बड़ी राहत,सदस्यता बहाल
पटना। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुनील कुमार सिंह सात महीने से सदन से बाहर हैं. इसे ही सजा मान लिया जाए. दोबारा दुर्व्यवहार करें तो एथिक्स कमेटी और चेयरमैन फैसला लें।
जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस कोटेश्वर सिंह की खंडपीठ ने एक ओर सुनील सिंह कें आचरण को गलत ठहरापा है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि सात महीने सदन से बाहर रहने की अवधि के लिए वेतन-भत्ते से वचत करते हुए सदस्यता वहां होगी.। कोर्ट ने सुनील सिंह को भी सबक सिखाया है। यह सींएम और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के लिए भी झटका है।
 लालू प्रसाद के करीबी माने जाने वाले सुनील सिंह को राबड़ी देवी का मुंह बोले भाई कहा जाता हैं।
सुनील  सिंह पर  पिछले वर्ष 13 फरवरी को सदन में तीखी बहस के दौरान नीतीश कुमार को अपशब्द बोलने का आरोप लगा था। उन पर मुख्यमंत्री की वाली और शैली का नकल करके उनका अपमान करने और समिति के समक्ष पेश होने पर उसके सदस्यों की योग्यता पर सवाल खड़े करने का भी आरोप लगाया गया था.
सुनील कुमार सिंह के निष्कासन के अलावा आरजेडी के विधान परिषद सदस्य मोहम्मद कारी सोहैब को भी दो दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था. 
75 सदस्यीय परिषद में सुनील सिंह की सदस्यता बहाल होने से राजद के 15 सदस्य हो गये हैं। राबड़ देवी विपक्ष की नेता है।  सुनील सिंह की जगह अंअंउपचुनाव से भरने की प्रक्रिया स्वत:रद्द हो गयी। इससे उपचुनाव में जदयू के ललन मंडल के निर्विरोध चुने जाने की तैयारी रूक गई। 
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