सीएम नीतीश कुमार का तीसरे चरण में 16 स 29 जनवरी तक 9 जिलों की प्रगति यात्रा का कार्यक्रम तय
सीएम नीतीश कुमार का तीसरे चरण में 16 स 29 जनवरी तक 9 जिलों की प्रगति यात्रा का कार्यक्रम तय हो गया है।


सीएम नीतीश कुमार  16 से 29 जनवरी के बीच यात्रा के तीसरे चरण में वह 09 जिलों का भ्रमण करेंगे। सोमवार को मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने इस बाबत चिट्ठी जारी की है। जिसमें संबंधित डीएम को जरूरी तैयारी के निर्देश दिए गए हैं।
   सीएम प्रगति यात्रा के दरम्यान जिला में समीक्षा बैठक करेंगे। प्रभारी मंत्री , गृह जिला के मंत्री , सांसद , विधायक और विधान पार्षद सहित जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष , जिलाध्यक्ष , जिला पार्षद और नगर निकाय (केवल मुख्यालय) के महापौर तथा मुख्य पार्षद को इससे जुड़ी जानकारी देने को कहा गया है। वहीं जिन विभागों से संबंधित योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास होगा , उनके अपर मुख्य सचिव भी सीएम के कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। इसके लिए डीएम को संबंधित अपर मुख्य सचिव को सूचित करने को कहा गया है।
तीसरे चरण की यात्रा की शुरुआत 16 जनवरी को खगड़िया से होगी। जबकि समापन 29 जनवरी को मधेपुरा से होगा। खास बात यह है कि इस दौरान सीएम 05 रात मधेपुरा में ही गुजारेंगे। जारी कार्यक्रम के अनुसार 16 जनवरी को खगड़िया और 18 को बेगूसराय भ्रमण के बाद सीएम पटना लौट जाएंगे। वहीं सीएम 20 जनवरी को सुपौल , 21 को किशनगंज और 22 जनवरी को अररिया की यात्रा के बाद तीनों ही रात मधेपुरा में विश्राम करेंगे। 23 जनवरी सहरसा का भ्रमण करते हुए वह पटना रवाना हो जाएंगे। तीन दिनों के ब्रेक के बाद पुनः 27 जनवरी को पूर्णिया और 28 को कटिहार की यात्रा करते हुए दोनों दिन रात्रि विश्राम मधेपुरा में होगा। 29 को मधेपुरा भ्रमण के साथ ही तीसरे चरण की यात्रा संपन्न होगी और वह पटना लौट जाएंगे। 
        बिहार में इसी साल  नवम्बर में  विधान सभा चुनाव होना है। माना जा रहा है कि मधेपुरा में सीएम के प्रवास का सीधा असर कोसी की 13 विधानसभा सीटों के साथ ही सीमांचल पर भी होगा। फिलहाल सहरसा की चार में से एक और मधेपुरा की चार में से दो सीट पर राजद का कब्जा है। सुपौल में सभी पांच सीटों पर एनडीए का परचम लहर रहा है। सीएम यहां सीटिंग सीट को रिटर्न करने और बांकी सीटों पर भी दबदबा बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं में जोश भर सकते हैं। खास बात यह है कि इससे पूर्व लोकसभा चुनाव के दौरान भी सीएम ने एक सप्ताह से भी अधिक दिनों तक मधेपुरा में ही कैंप किया था। तब इसका सीधा असर चुनाव परिणाम पर भी दिखा था।

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