संसद का 18 सितम्बर से शुरु हो रहे विरोध सत्र के एजेंडे से पर्दा उठा

नई दिल्ली,13 सितम्बर। केंद्र सरकार की ओर से 18 सितम्बर सं बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे से आज  पर्दा उठ गया है, जिस पर पिछले कई दिनों से तमाम कयास लगाए जा रहे थे. इससे मीडिया और विपक्ष के कयासों पर पानी फिर गया है। "वन नेशन वन इलेक्शन" और "वन नेशन वन नेम" की चर्चा के बीच  बुधवार को जारी लोकसभा और राज्यसभा बुलेटिन के मुताबिक, संसद के विशेष सत्र के पहले दिन संविधान सभा से शुरू हुई 75 साल की संसदीय यात्रा पर चर्चा की जाएगी. चर्चा के दौरान जिन विषयों पर फोकस किया गया है उनमें 75 साल की संसदीय यात्रा की उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख शामिल हैं.बुलेटिन में कहा गया है, "सदस्यों को सूचित किया जाता है कि सोमवार यानी 18 सितंबर को अन्य औपचारिक कार्य जैसे पेपर रखने के अलावा संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा, उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख विषय पर एक चर्चा आयोजित की जाएगी." संसद की चर्चा के दौरान चार बिल भी सूचीबद्ध किए गए हैं. इनमें एडवोकेट संशोधन बिल, प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पिरियोडिकल्स बिल, पोस्ट ऑफिस बिल और मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्त नियुक्ति सेवा शर्त बिल शामिल हैं.

केंद्र सरकार ने बुलाई 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक
इससे पहले दिन में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पांच दिवसीय संसद सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले 17 सितंबर को सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर नेताओं की बैठक बुलाई गई है. जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट किया, बैठक का निमंत्रण सभी संबंधित नेताओं को ई-मेल के माध्यम से भेजा गया है. वहीं, विपक्षी दलों ने सत्र शुरू होने में कुछ ही दिन शेष रहने पर भी सत्र का एजेंडा नहीं बताने के लिए सरकार की आलोचना की थी.


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