बिहार में शिक्षक नियुक्ति: सरकार बनाम संघ शंक्ति की परीक्षा की घड़ी
अरुण कुमार पाण्डेय 
पटना,31 मई। बिहार शिक्षक नियुक्ति के लिए आज विज्ञापन आ गया। आवेदन का डेट का ऐलान के पहले अगस्त में चार अलग-अलग डेटों पर परीक्षा,नवम्बर में रिजल्ट और दिसम्बर में नियुक्ति पत्र देने का भी ऐलान हो चुका है। 1.70 लाख नियुक्ति को लेकर उत्साह की बजाय विवाद और टकराव का माहौल बना है। इसका मुख्य कारण बीपीएससी की परीक्षा पास करने की अनिवार्य शर्त है
एक ओर 3 50 लाख से अधिक कार्यरत नियोजित शिक्षकों की ओर से बीपीएस की परीक्षा नहीं देने का ऐलान है । वहीं करीब दो लाख टीईटी पास शिक्षक अभ्यर्थियों ओर से भी परीक्षा का बहिष्कार की ठान रखने का ऐलान है। शिक्षक अभ्यर्थियों की ओर से अध्यापक नियुक्ति नियमावली के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गयी है।
बिहार में फिलहाल शिक्षक नियुक्ति को लेकर सरकार और संघ शक्ति की परीक्षा की घडी आ गयी है। लोकसभा चुनाव के पहले नियुक्‍ति का तोहफा देने की तैयारी शायद सत्तारूढ महागठबंधन के लिए राजनीतिक फांस साबित हो सकती है। वही शिक्षक संगठनों की अगुआई कर रहे वामदल के लिए भी करो-मरो का मुद्दा बन गया है।
अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार बिना शर्त नियोजित शिक्षकों को सरकारीकर्मी का दर्जा देने की मांग पर विचार करती है या परीक्षा लेने के निर्णय पर डटी रहती है।
बिहार में फिलहाल नियोजित शिक्षक का जिला स्तर पर धरना का कार्यक्रम जारी है वहीं सरकार नियुक्ति प्रक्रिया चालू कर दी है। 
सिर्फ बिहारियों की होगी नियुक्ति 
सरकार के निर्णय के तहत बिहार के स्थायी निवासी ही अध्यापक पद के लिए योग्य होंगे।
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से निकाली गई अध्यापक नियुक्ति के विज्ञापन में वेतन भी तय कर दिया गया है। विज्ञापन के अनुसार एक से पांच तक के शिक्षक के लिए मूल वेतन 25 हजार रुपए प्रति माह और अन्य मान्य भत्ते मिलेंगे। इसी तरह 9-10वीं क्लास के शिक्षक के लिए मूल वेतन 31 हजार रुपए और अन्य मान्य भत्ते दिए जाएंगे। 11वीं और 12वीं के शिक्षक के लिए मूल वेतनमान 32 हजार रुपए प्रति माह और अन्य मान्य भत्ता भी दिया जाएगा। नियमानुसार स्थायी और नई पेंशन योजना भी लागू रहेगी।
9वीं-10वीं शिक्षक भर्ती में सबसे ज्यादा हिंदी विष्य में कुल 5486 पदों पर नियुक्ति होगी। इसके अलावा अंग्रेजी 5425 और विज्ञान में 5425, गणित में 5425, सामाजिक विज्ञान में 5425, संस्कृत में 2839, उर्दू में 2300, अरबी में 200, फारसी में 300 और बांग्ला में 91 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी। कुल 32 हजार 916 नियुक्तियां हैं।

प्लस 2 सबसे अधिक कंप्यूटर सांइस में बहाली

प्लस टू यानी 11वीं-12वीं में शिक्षकों के लिए सबसे अधिक कंप्यूटर सांइस के कुल 8395 पदों पर नियुक्ति होगी। इसके अलावा इतिहास के लिए 5870, राजनीति शास्त्र के लिए 5354, भौतिक विज्ञान के लिए 3022, अंग्रेजी के लिए 3535 और हिंदी के लिए 3221 पदों पर नियुक्तियां होंगी।
इसके अलावा प्लस टू के लिए जंतुविज्ञान में 2683, वनस्पति विज्ञान में 2738, रसायन शास्त्र में 4799, गणित में 2673, अर्थशास्त्र में 997, भूगोल में 1033, गृह विज्ञान में 1275, संगीत में 2043, दर्शन शास्त्र में 170, मनोविज्ञान में 2015, समाज शास्त्र में 1434, एकाउंटेंसी में 612, बिजनेस स्टडीज में 1328, इंटरपेनियोरशीप में 292, संस्कृत में 1289 और उर्दू में 1749 में शिक्षकों की नियुक्ति होगी।
सिलेबस को लेकर दूर कर लें कन्फ्यूजन
कक्षा एक से पांच तक के अभ्यर्थियों का सिलेबस एससीईआरटी (SCERT) से रहेगा. कक्षा 9, 10, 11 और 12 में एनसीईआरटी (NCERT) के आधारित प्रश्न होंगे. इसके साथ ही बीपीएससी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में निगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान रखा है. सबसे खास बात है कि बीएड अपीयरिंग वाले अभ्यर्थियों को भी मौका मिलेगा. ऐसे अभ्यर्थी 31 अगस्त 2023 तक यदि बीएड परीक्षा में शामिल हो जाते हैं तो मौका मिलेगा.सत्र 2021-23 तक के वैसे अभ्यर्थी जो सीटीईटी (CTET) पास हो गए हैं लेकिन बीएड का सेशन लेट है, वैसे विश्वविद्यालयों को निर्धारित तिथि से पहले परीक्षा करानी होगी. आवेदन के वक्त ही अभ्यर्थियों से सभी प्रकार के कागजात लिए जाएंगे. इसके लिए आयोग आवेदन के फॉर्मेट पर वेबसाइट पर अपडेट करेगा ताकि आवेदन करते समय अभ्यर्थियों को किसी प्रकार परेशानी न हो. आवेदन के समय ही अभ्यर्थियों को अपने सभी प्रकार के प्रमाण पत्रों को अपलोड करना होगा. इसमें गड़बड़ी करने वाले अभ्यर्थियों को काली सूची में डाल दिया जाएगा.
प्राथमिक शिक्षकों (कक्षा एक से पांच तक) की बहाली में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण मिलेगा. बीपीएससी के माध्याम से यह परीक्षा कक्षा एक से लेकर 12वीं तक की ली जाएगी.
कितनी शिफ्ट में होगी परीक्षा?
बीपीएस अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बताया है कि नियुक्ति प्रक्रिया में छह लाख से अधिक अभ्यर्थी होंगे तो दो शिफ्ट में परीक्षा होगी. छह लाख या उससे कम अभ्यर्थी होने पर एक शिफ्ट में ही परीक्षा ली जाएगी. वैसे अभ्यर्थी जो नियोजित शिक्षक हैं वे अगर परीक्षा में शामिल होते हैं तो उनसे वीक्षक का काम नहीं लिया जाएगा. इसी साल 2023 में परीक्षा के साथ-साथ रिजल्ट की भी घोषणा की जाएगी.

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