बिहार सहित राज्यों के राज्यपाल और एलजी को बदले
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को बिहार सहित राज्यों के राज्यपाल और एलजी को बदले हैं. देश में अब पांच राज्यपाल पूर्वी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हो गए. श्रीनगर में राजभवन में काबिज मनोज सिन्हा पूर्वांचल के गाजीपुर का रहने वाले हैं. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र भी गाजीपुर से ताल्लुक रखते हैं और राज्य में भाजपा की चार सरकारों में मंत्री रह चुके हैं.
बिहार से मेघालय स्थानांतरित किए गए फागू चौहान पूर्वांचल के आजमगढ़ से संबंधित हैं. हिमाचल प्रदेश में राज्यपाल के रूप में नियुक्त शिव प्रताप शुक्ला गोरखपुर से हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश में मंत्री के साथ-साथ केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में भी काम किया है.सीपी राधाकृष्णन को झारखंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया है. वह कोयम्बटूर से दो बार लोकसभा सदस्य रहने के साथ ही भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं.राधाकृष्णन ने रमेश ब्यास का स्थान लिया. भाजपा नेताओं का मानना ​​है कि राधाकृष्णन की नियुक्ति विशेष रूप से तमिलनाडु में विपक्ष द्वारा प्रचार के खिलाफ एक प्रतीकात्मक इशारा है, जिसे राज्य में उत्तर-भारत की पार्टी कहकर नाकारा जाता रहा है.
सिक्किम के राज्यपाल के रूप में नियुक्त लक्ष्मण प्रसाद आचार्य वाराणसी के हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. वह भाजपा की उत्तर प्रदेश ईकाई के उपाध्यक्ष हैं. आचार्य प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से हैं और यूपी में विधान परिषद के सदस्य हैं. अनुसूचित जाति से आने वाले आचार्य को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है.
राष्ट्रपति ने  महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी व लद्दाख के एलजी राधा कृष्णन माथुर का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है. इस संबंध में जारी पत्र के अनुसार सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक को अरुणाचल प्रदेश का, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम का, सीपी राधाकृष्णन को झारखंड का और शिव प्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश का, एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
गुलाब चंद कटारिया को असम के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया है. वह जगदीश मुखी की जगह लेंगे. कटारिया राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. इससे पहले पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में वह राजस्थान के गृह मंत्री रह चुके हैं.राजनीतिक गलियारों में कटारिया को वसुंधरा राजे सिंधिया का विरोधी बताया जाता है. वह कई बार अपने बयानों द्वारा वसुंधरा पर निशाना साधते रहे हैं. कई बार उनके बयानों पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भी सफाई देनी पड़ी है. माना जा रहा है कि असम के राज्यपाल के तौर पर उनकी नियुक्ति, राजस्थान में पार्टी की अंदरूनी कलह को शांत करने का एक प्रयास है.
इसी प्रकार कुछ राज्यपालों को दूसरे राज्यों में नियुक्त किया गया है. आंध्र प्रदेश के राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके को मणिपुर का, मणिपुर के राज्यपाल गणेशन को नागालैंड का, बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को मेघालय का, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को बिहार का, झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल बनाया गया है. अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर डॉ. बी.डी. मिश्रा को लद्दाख का उप राज्यपाल नियुक्त किया गया है. उपरोक्त नियुक्तियां उन तारीखों से प्रभावी होंगी, जिन तारीखों से वे अपने-अपने कार्यालयों का प्रभार ग्रहण करेंगे.
नए राज्यपालों की नियुक्ति से राजस्थान और तमिलनाडु के लिए खास संदेश दे रही बीजेपी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को 6 नए चेहरों को राज्यपाल नियुक्त किया है, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 4 नेता भी शामिल हैं. इन नए राज्यपालों की नियुक्ति और कुछ पुराने के तबादलों ने सबका ध्यान खींचा है, जिनमें कई लोग राजस्थान और तमिलनाडु के लिए बड़ा संदेश भी देख रहे हैं.
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रविवार को जयपुर में असम के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद पार्टी नेता गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की. 
केंद्र सरकार ने 12 फरवरी 13   राज्यों के राज्यपाल या उप-राज्यपाल बदल दिए हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भाजपा के कई प्रमुख चेहरों का नाम शामिल किया गया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को 6 नए चेहरों को राज्यपाल नियुक्त किया है, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 4 नेता भी शामिल हैं. इन नेताओं के पास विशाल संगठनात्मक अनुभव है, जिनमें से कुछ ने राज्य सरकारों में मंत्री के रूप में भी काम किया है. इन नए राज्यपालों की नियुक्ति और कुछ पुराने के तबादलों ने सबका ध्यान खींचा है, जिनमें कई लोग राजस्थान और तमिलनाडु के लिए बड़ा संदेश भी देख रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश:  शिव प्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. शिव प्रताप शुक्ला विद्यार्थी परिषद  और आरएसएस के सदस्य रह चुके हैं. वह मोदी सरकार में वित्त राज्यमंत्री रहे थे और बाद में उन्हें राज्यसभा में भाजपा का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया था.शुक्ला उत्तर प्रदेश की राजनीति में बीजेपी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश में जेल और ग्रामीण विकास मंत्री जैसे विभागों को भी संभाला है, साथ ही वह उत्तर प्रदेश में पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. वह 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान ब्राह्मणों तक पहुंचने के लिए 21 सदस्यीय समिति के पार्टी समन्वयक थे.
सिक्किम: 

महाराष्ट्र के नए राज्यपाल बने रमेश बैस, भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर, इन 13 राज्यों में हुई फेरबदल





असम: गुलाब चंद कटारिया को असम के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया है. वह जगदीश मुखी की जगह लेंगे. कटारिया राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. इससे पहले पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में वह राजस्थान के गृह मंत्री रह चुके हैं.

राजनीतिक गलियारों में कटारिया को वसुंधरा राजे सिंधिया का विरोधी बताया जाता है. वह कई बार अपने बयानों द्वारा वसुंधरा पर निशाना साधते रहे हैं. कई बार उनके बयानों पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भी सफाई देनी पड़ी है. माना जा रहा है कि असम के राज्यपाल के तौर पर उनकी नियुक्ति, राजस्थान में पार्टी की अंदरूनी कलह को शांत करने का एक प्रयास है.


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