45 लाख करोड रुपए के केंद्रीय बजट-2023 में गरीब से लेकर मध्यम वर्ग तक का खास ख्याल
नई दिल्ली,01 फरवरी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपने 5वें और देश के 75वें बजट में कई बड़े एलान किए। 45 लाख करोड रुपए के केंद्रीय बजट-2023 में गरीब से लेकर मध्यम वर्ग तक का खास ख्याल रखा गया। सरकार के खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 58 पैसा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आएगा. इसके अलावा 34 पैसा कर्ज और अन्य करों से आएगा. आम बजट 2023-24 के अनुसार, विनिवेश जैसे गैर-कर राजस्व से छह पैसे और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों से दो पैसे मिलेंगे.
अपने एक घंटे 27 मिनट के भाषण में वित्त मंत्री ने पूरे देश को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि अब तक सबकुछ सही रहा और अब आने वाले दिनों में भी विकास की नई इबारत लिखी जाएगी। 

उन्होंने यह भी बता दिया कि कोरोनाकाल और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पूरी दुनिया में आर्थिक संकट की स्थिति है। इसके बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। भारत की विकास दर अन्य सभी देशों से अच्छी है और ये आगे भी कायम रहेगी। 

लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने अपने आखिरी पूर्ण बजट में हर वर्ग को साधने की कोशिश की है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस बजट के मायने क्या हैं? इससे केंद्र सरकार की उम्मीदें कितनी मजबूत होगी? क्या इसका असर आने वाले चुनाव में भी देखने को मिलेगा? 
2024 लोकसभा चुनाव से पहले इस बजट से गरीब, मध्यम वर्ग के करोड़ों लोगों को फायदा पहुंच सकता है।माना जा सकता है कि बजट पूरी तरह से अगले साल होने वाले चुनावों को देखते हुए पेश किया गया है।इसी साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसमें त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान, तेलंगाना शामिल हैं। इसके बाद अगले साल लोकसभा चुनाव है।

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