झारखंड में अराजपत्रित पदों पर नियुक्ति के लिए  झारखंड के ही शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक-इंटर की परीक्षा पास करना  होगा अनिवार्य

रांची,09 नवम्बर। झारखंड में अराजपत्रित पदों पर नियुक्ति के लिए  झारखंड के ही शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक-इंटर की परीक्षा पास करना  होगा अनिवार्य ।
एक लाख से अधिक पदों पर नियुक्तियों के लिए अधियाचना राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भेजने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियुक्ति संबंधित नियमावली की पूरी समीक्षा करते हुए अविलंब विसंगतियों को दूर करने का निर्देश दिया है। 
झारखंड सरकार इस वर्ष को नियुक्ति वर्ष के रूप में मना रही है। इसके लिए सरकार के स्तर पर लगातार अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं। एससी-एसटी  की रिपोर्ट के बाद अब सरकार राज्य की 129 नियमावलियां बदलने की तैयारी कर रही है। ये सारे बदलाव इस महीने के आखिर तक ही होने हैं।

सारी नियमावलियों में बदलाव झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली जाने वाली नियुक्ति परीक्षा के लिए किया जाएगा। विभिन्न विभागों की नियमावली में बदलाव के लिए सरकार ने कड़े निर्देश जारी किए हैं।

नियमावली में बदलाव के लिए मुख्य सचिव सहित कार्मिक विभाग लगातार विभिन्न विभागों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं।हर दिन की रिपोर्ट भी ली जा रही है। नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव विभिन्न विभागों से प्राप्त कर कैबिनेट की मंजूरी ली जायेगी। वहां से जैसे स्वीकृति मिलेगी यह प्रयास होगा कि विभिन्न विभागों की एक लाख से अधिक पदों में नियुक्तियों के लिए अधियाचना राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भेज दी जाए।

नई निमयमावली के आधार पर राज्य में होनी है नियुक्ति
सोरेन सरकार दो महीने पहले ही झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग  के विभिन्न परीक्षा संचालन नियमावली में बदलाव किया है। इसके तहत अराजपत्रित पदों में झारखंड के ही शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक-इंटर की परीक्षा पास करना अनिवार्य किए गया है। वहीं स्थानीय भाषा का ज्ञान होना भी जरूरी।किया गया है. हालांकि, आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को इस शर्त से छूट दी गयी है. इसके अलावा भी कुछ बदलाव किए गये हैं। आयोग में इस बदलाव की वजह से पूर्व में जारी 6 विज्ञापनों को स्थगित किया गया ।

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