कबीर साईं मंदिर में साप्ताहिक सत्संग

राष्ट्रीय और सामाजिक एकता के महापुरुष थे कबीर और गुरु नानक देव जी :- मंहत ब्रजेश मुनि
पटना :- मीठापुर स्थित कबीरपंथी आश्रम कबीर साईं मंदिर में महंत ब्रजेश मुनि महाराज जी के पावन सानिध्य में गुरुवारीय साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे
तख्त श्री हरि मंदिर जी साहिब पटना के मुख्य जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए-मस्कीन‌ जी ने  कबीर साहेब की वाणी सुनते हुए कहा कि
संगति कीजै  साधु की,  हरै  और की व्याधि l
ओछी संगति कूर की, आठों पहर उपाधि
संतों की संगत करो,  वे दूसरे के मन के विकार एवं पीड़ा को  दूर करते हैं l  निर्दय,  कायर एवं मूर्ख की संगत करने से मानो  चौबीसों  घंटे छलावा एवं झगड़े में पड़ा रहना है l
मानव-जीवन में संगत का बहुत बड़ा महत्व है l अधम-से-अधम  लोग  भी सज्जनों तथा संतो की संगत से  ऊंचे  उठ जाते हैं और अच्छे-अच्छे  लोग कुसंगत में पड़कर  अपना पतन कर लेते हैं
सदगुरु कहते हैं कि  साधु की संगत करो l  वे  तुम्हारे मन की पीड़ा को हरेंगे l सच्चे साधु-संतो के दर्शन,  वचन,  संगत एवं वार्तालाप मनुष्य के अज्ञान एवं शोक-मोह  का निराकरण करने वाले हैं l  जिनकी संगत में रहने से मन प्रसन्न रहे,  मनोविकार दूर रहें  और  आत्मशांति  रहे,  उनकी संगत  ही साधु-संगत है 
इस अवसर पर आश्रम के महंत ब्रजेश मुनि महाराज जी ने अंग वस्त्र देकर जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए-मस्कीन‌ जी का स्वागत किया और कहा कि राष्ट्रीय और सामाजिक एकता के महापुरुष थे
कबीर और गुरु नानक देव जी हिंदू-मुस्लिम एकता, सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय, सामाजिक एकता के प्रवर्तक। वास्तव में, दोनों आध्यात्मिक महापुरुषों ने किसी व्यक्ति के जन्म के आधार पर किसी भी भेदभाव की कड़ी निंदा की (चाहे वह धर्म, जाति, पंथ, जातीयता आदि हो)। इस प्रकार, दोनों जाति व्यवस्था में विश्वास नहीं करते थे। अतः किसी भी जाति या धर्म का व्यक्ति उनका भक्त बन सकता है।
इस अवसर पर होम्योपैथिक डॉक्टर डी भास्कर, संत अशोक दास, मंहत सत्यस्वरुप शास्त्री संत करसन मुनि, संत विवेक मुनि, डॉ इंद्रजीत कुमार पटना हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता रामनारायण महतो उपस्थित थे तत्पश्चात कबीर साईं मंदिर की महिला भजन मंडल द्वारा
कबीर और साईं के भजन गाकर वातावरण को भक्तिमय बनाया गया

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