सुशील मोदी ने  I.N.D.I.A की समन्वय समिति की पहली बैठक  पर कसा तंज

•नेतृत्व, सीट साझेदारी पर कोई फैसला नहीं कर पायी समन्वय समिति
•बंगलुरू, मुम्बई के बाद  दिल्ली बैठक ने भी जदयू को निराश किया 
•द्रमुक के अनर्गल बयान पर भी कोई रुख तय नहीं 
•आइ.एन.डी.आइ.ए भाजपा नहीं, सनातन धर्म के विरुद्ध 
•जातीय गणना पहले विपक्षीय दलों द्वारा शासित राज्यों में कराएँ 


पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों की समन्वय समिति की पहली बैठक नेतृत्व, सीट साझेदारी और सनातन धर्म के मुद्दे पर कोई फैसला लेने या रुख तय करने में पूरी तरह टायं-टायं फिश हो गई।

श्री मोदी ने कहा कि समिति से आशा थी कि वह गठबंधन के नेतृत्व के लिए नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगायेगी, लेकिन बंगलुरू, मुम्बई की तरह दिल्ली बैठक से भी जदयू को निराशा मिली।

उन्होंने कहा कि एक दिन पहले जदयू अध्यक्ष और समिति के सदस्य ललन सिंह पीएम पद की दावेदारी  करते हुए पटना में नीतीश कुमार का बायोडाटा जारी कर रहे थे।

श्री मोदी ने कहा कि समन्वय समिति ने सनातन धर्म संबंधी द्रमुक के बयान की निंदा तक नहीं की, जिससे स्पष्ट है कि आइ.एन.डी.आइ.ए केवल भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध नहीं, बल्कि सनाधर्म-विरोधी है।

उन्होंने कहा कि जो लोग पांच राज्यों में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीट साझेदारी पर फैसला नहीं ले पाए, वे लोकसभा चुनाव में साझा उम्मीदवार कैसे तय करेंगे? 

श्री मोदी ने कहा कि आसन्न  चुनाव वाले दो राज्यों ( मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ ) में केजरीवाल की पार्टी ने 10-10 सीटों पर अपने उम्मीदवार अकेले ही तय कर लिये। उधर, हाल के उपचुनाव में गठबंधन के दल पश्चिम बंगाल और केरल में एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में थे।  

उन्होंने कहा कि समन्वय समिति की बैठक में न ललन सिंह पहुँचे, न ममता बनर्जी के प्रतिनिधि । माकपा ने अब तक अपना प्रतिनिधि भी तय नहीं किया है। 

श्री मोदी ने कहा कि जब तक राहुल गांधी, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी जैसे शीर्ष नेतृत्व की बैठक नहीं होगी, तब तक समन्वय समिति की बैठक एक चाय-पार्टी से ज्यादा मायने नहीं रखती। 
...............................

Top