बिहार के उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव:चार वर्षीय स्नातक कोर्स हुआ लागू
केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत बिहार में भी उच्च शिक्षा में बडा बदलाव होने जा रहा है। कुलाधिपति से मिली मंजूरी के साथ बिहार के विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय स्नातक कोर्स की शुरुआत हो गयी है ।इसके लिए  20 मई से नामांकन प्रक्रिया शुरु हो जायेगी। 30 जून तक नामांकन प्रक्रिया पूरी कर जुलाई से नए शिक्षण सत्र चालू हो जायेगा। 
बिहार की उच्च शिक्षा व्यवस्था में बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया गया ।  
अभी तीन वर्षीय स्नातक कोर्स (आनर्स)चल रहे हैं। चार वर्षीय कोर्स लागू करने के लिए  यूनव्सिटी ऐक्ट में संशोधन कर दिया गया है।नये कोर्स पटना विश्वविद्यालय समेत राज्य के सभी अन्य विश्वविद्यालयों के लिए च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अंतर्गत चार वर्षीय स्नातक कोर्स (अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम) का कोर्स स्ट्रक्चर राजभवन के द्वारा स्वीकृत कर बुधवार को जारी कर दिया गया। इसके बाद अब राज्य के सभी स्टेट विश्वविद्यालय जो इस दायरे में आते हैं, आंशिक बदलावों के साथ बीए, बीएससी व बीकॉम में लागू कर सकते हैं।
एडमिशन के लिए होंगे दो ऑप्शन
 वर्तमान सत्र (2023-24) में सभी विश्वविद्यालयों में 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर विवि मेरिट लिस्ट तैयार कर नामांकन लेंगे। इसमें पटना विश्वविद्यालय भी शामिल है, जहां पहले से एंट्रेंस टेस्ट हो रहा था। अगले सत्र से जो विवि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट लेकर नामांकन लेते हैं, वह ले सकते हैं। 
अगले सत्र से दोनों ऑप्शन होगा। जिन छात्र-छात्राओं को नामांकन लेना है, वे तय शेड्यूल के मुताबिक विवि की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करेंगे। किसी भी हालत में बिना ऑनलाइन आवेदन के सीधा नामांकन विवि नहीं ले सकेंगे। नामांकन के दौरान राज्य सरकार के रिजर्वेशन पॉलिसी को ध्यान में रखना जरूरी है। सेंट-अप के लिए 75 प्रतिशत अटेंडेंस जरूरी है।
जो कोर्स स्ट्रक्चर राजभवन के द्वारा जारी किया गया है, उसके अनुसार मेजर और माइनर कोर्स के अलावा मल्टीडिस्पिलनरी कोर्स, इंवायरमेंटल साइंस, स्किल इनहांसमेंट कोर्स, वैल्यू एडेड, एबिलिटी इन्हैंसिंग, स्किल इनहांसमेंट कोर्स, इंवायरनमेंट साइंस, इंटर्नशिप, रिसर्च प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है। सभी मिलाकर कुल 160 क्रेडिट होंगे। हर पेपर सौ अंकों का होगा। हर क्रेडिट के लिए 10 घंटे की टीचिंग फिक्स है। हर सेमेस्टर में दो सीआईए (इंटर्नल एग्जाम) होंगे। हर मिड टर्म 30 अंकों का होगा। इसमें 15 अंकों की लिखित परीक्षा, 10 अंकों का सेमिनार, क्विज, असाइनमेंट तथा 5 अंक उपस्थिति पर दिया जाएगा।

छात्रों को होगा यह फायदा
 इसमें मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का प्रावधान रखा गया है। दो सेमेस्टर पूरा करने पर अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट छात्रों को प्रदान किये जाएंगे। वहीं चार सेमेस्टर पूरा करने पर अंडर ग्रेजुएट डिप्लोमा छात्रों को प्रदान किया जाएगा। वहीं छह सेमेस्टर पूरा करने पर बैचलर (ऑनर्स) डिग्री प्रदान किया जाएगा। जो चार वर्षीय कोर्स पूरा करेंगे उन्हें ऑनर्स विथ रिसर्च की डिग्री प्रदान की जाएगी। हर दो सेमेस्टर के बाद कोर्स को छोड़ने की अनुमति होगी। फिर बाद में वहीं से दोबारा कोर्स शुरू करने की अनुमति होगी।

दो तरह का फीस स्ट्रक्चर

ऑर्डिनेंस के मुताबिक फीस के दो भाग हैं. पहले भाग में एडमिशन फीस, ट्यूशन फीस और कल्चरल/तरंग फीस शामिल है. प्रवेश शुल्क पहले सेमेस्टर में 350 रुपये और शेष सात सेमेस्टर के लिए यह शुल्क 250-250 है।  प्रत्येक सेमेस्टर की ट्यूशन फीस 600-600 रुपये रखी गयी है। प्रत्येक सेमेस्टर के लिए कल्चरल तरंग फीस 25-25 रुपये फीस निर्धारित की गयी है। इस तरह फीस के पहले भाग में प्रथम सेमेस्टर में 975 रुपये और शेष सभी सात सेमेस्टर में प्रत्येक के लिए यह शुल्क 875 रुपये निर्धारित है।
फीस के दूसरे भाग में पंद्रह प्रकार के शुल्क हैं. जिसमें लाइब्रेरी, बिजली शुल्क, एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन फीस, आइडेंटी कार्ड, बिल्डिंग मेंटीनेंस, स्टूडेंट वेलफेयर ,यूनिफॉर्म फीस, मैग्जीन फंड आदि शामिल हैं. पहले सत्र में यह कुल फीस 1280 रुपये और शेष सात सेमेस्टर में यह फीस 1130-1130 रुपये तय है. इस तरह पहले सेमेस्टर की कुल सामान्य फीस 2255 और शेष सात सेमेस्टर में प्रत्येक के लिये यह फीस 2005-2005 रुपये निर्धारित की गयी है।

 
 

   


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