विकास का नया आयाम गढ़ने की ओर अग्रसर है कबीर मठ फतुहा

साम्प्रदायिक सौहार्द का सांस्कृतिक केन्द्र बनेगा कबीर मठ फतुहा - महंथ ब्रजेश मुनि

पटना- आचार्य गद्दी कबीर मठ फतुहा बिहार का सार्वजनिक आध्यात्मिक सांस्कृतिक केन्द्र रूप में विकसित होने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है और इसका सम्पूर्ण श्रेय जाता है यहाँ के प्रबंधक, न्यासधारी महंथ रह चुके वर्तमान में मठ के संरक्षक महंथ ब्रजेश मुनि को संचित और प्रारब्ध कर्मानुसार कियमान जीवन में कबीरपंथी परिवार में जन्म ग्रहण कर जन्मजात कबीरपंथी संस्कार के साथ पले बढ़े ब्रजेश मुनि ने अपने मोहनपुर दियारा राघोपुर स्थित अपने जन्म स्थान को कबीर चौरा धाम नाम देकर स्वयं कबीरपंथी मठों का नेतृत्व करने का संकल्प लिया।

प्रातः स्नानादि पश्चात् बीजक पाठ, वाणी पाठ आदि की आचार संहिता को आत्मसात किये हुए साखी, रमैनी, दोहे आदि का वाचन और सत्संग की योग्यता विरासत में प्राप्त हुआ और सत्संग की योग्यता विरासत में प्राप्त हुआ। इसलिए कबीर मठ के माध्यम से स्वयं को समाज से जोड़ने में समर्पित हो गये ब्रजेश मुनि ।।

प्रबंधक के रूप में कबीर मठ फतुहा में मुनि जी ने सांसदों, केन्द्रीय मंत्रियों से सम्पर्क साधा, उनसे मिलकर मठ की महत्ता के बारे में बताया और इस मठ को सिक्ख सम्प्रदाय का भी तीर्थ बताया जहाँ 1506 ई० में गुरूनानक देव जी का आगमन और संत समागम हुआ था। उनके द्वारा कुओं खनवाया गया था जो आज भी नानक कुओं के रूप में सिक्ख श्रद्धालुओं के लिए दर्शनीय है। प्रबंधक रहते ब्रजेश मुनि ने तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान, शत्रुघ्न सिन्हा, रविशंकर प्रसाद, सुशील कुमार मोदी को कबीर मठ फतुहा में आमंत्रित किया और मठ के विकास के लिए उन सबसे सहयोग का अनुरोध किया। उनके सांसद निधि से कबीरमठ फतुहा में संत निवास बना।

पर्यटन विभाग बिहार सरकार से कबीरमठ फतुहा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 3.84 करोड़ (तीन करोड़ चौरासी लाख) रूपये स्वीकृत करवाये। उसकी प्रथम किस्त में प्राप्त राशि से सभागार का निर्माण हुआ। कबीरायतन आई हास्पीटल भी जन स्वास्थ्य के हित में खोला गया। हॉस्पीटल में सेवा कार्य भी आरंभ हुआ। प्रबंधक पद से हटने के बाद वह सेवा बन्द हो गयी।

2020 में जब न्यासधारी महंथ के रूप में कबीरमठ फतुहा में कार्य भार सम्हाला तब मठ की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई की। बिहार राज्य वित्त निगम द्वारा बन्धक ली गयी मठ की जमीन विवाद को मठ की सम्पत्ति पर निगम का अवैध कब्जा बताकर उच्च न्यायालय में मामला दायर किया। कबीर मठ की शाखा मठ कृष्णाटोली ब्रह्मपुर मुजफ्फरपुर की अतिक्रमित जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए बिहार राज्य धार्मिक न्यास न्यायाधिकरण में वाद दायर किया। मठ के हित में मठ से बाहर ऐसे कार्यों के साथ साथ
ब्रजेश मुनि ने मठ के अन्दर सेवा पूजा, राग भोग, उत्सव, समैया, सत्संग, भजन, भंडाररा आदि का आयोजन भी आरंभ किया।

संरक्षक रूप में 28 से 30 जून तक कबीर मठ फतुहा में पहली बार सद्गुरू कबीर जयन्ती समारोह का आयोजन त्रिदिवसीय साम्प्रदायिक सौहार्द मेला के रूप आयोजित हुआ। इस मेला को राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री द्वारा छः लाख पचार हजार रूपये की स्वीकृति दिलवाने में सफलता प्राप्त की। उक्त मेला में राज्य के उपमुख्यमंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री, तख्त हरिमंदिर साहिब गुरूद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान महासचिव सहित विधायक, सांसद एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन को सफल बनाया। इस अवसर पर कबीर मठ में सुविधासम्पन्न कबीर वाटिका के निर्माण की घोषणा की गयी। तख्त हरिमंदिर साहिब गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान महासचिव अवतार सिंह हीत ने नानक कबीर मिलन स्थल रूप में इसे पटना साहिब में सिक्ख का आठवाँ दर्शनीय तीर्थ घोषित किया और यहाँ भव्य गुरूद्वारा, सुविधासम्पन्न धर्मशाला बनाने और बाग लगाने का वचन दिया।

इस त्रिदिवसीय आयोजन की सफलता से उत्साहित होकर बजेश मुनि ने कबीर मठ फतुहा में पहली बार सात दिवसीय कबीर कथा का आयोजन किया। जिसकी चर्चा देश विदेश तक हुई। मठ से लोगों को जोड़ने के लिए कबीर मठ फतुहा में रविवारीय सत्संग का आयोजन आरंभ किया गया जो नियमित रूप से प्रत्येक रविवार को आयोजित होने लगा है। फतुहा के स्थानीय नागरिक के अनुरोध पर कबीर मठ में श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का आयोजन किया गया। बजेश मुनि जी के सत्प्रयास से कबीर मठ फतुहा से आम जनता जुड़ने लगी है और लोगों में आशा और विश्वास जगा है कि फतुहा के लोगों को निकट भविष्य में विकसित कबीर मठ शैक्षणिक, आध्यात्मिक, सामाजिक सांस्कृतिक केन्द्र रूप में प्राप्त होगा और सार्वजनिक न्यास रूप में निबंधित यह गौरवशाली कबीर मठ जनोपयोगी साबित होगा।

पिछले दिनों 21 से 23 जनवारी तक त्रिदिवसीय सद्गुरु कबीर महापरिनिर्वाण दिवस एवं गुरू गोविन्द सिंह जी महाराज का प्रकाश उत्सव सांस्कृतिक मेला के रूप में आयोजित किया। इस सांस्कृतिक मेला में गुरूग्रंथ साहिब का अखण्ड पाठ, स्कूली बच्चों के बीच कबड्डी, दौर आदि प्रतियोगिता तथा अन्तर्राज्यीय कुश्ती का आयोजन किया जिसमें कबीर मठ फतुहा में हरियाणा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के पहलवानों ने भाग लिया। ब्रजेश मुनि के इस आयोजन से कबीर मठ फतुहां के विकास की नयी आशा जगी जब मुख्य समारोह में पधारे केन्द्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 3.84 करोड (तीन करोड़ चौरासी लाख) कबीर मठ में कबीर अकादमी एवं शोध संस्थान, सभागार, पुस्तकालय सह वाचनालय, संग्रहालय आदि निर्माण के लिए केन्द्र सरकार स्तर से उपलब्ध कराने की घोषणा की।

केन्द्रीय मंत्री की इस घोषणा से समारोह में आये हजारों नागरिकों ने कबीर मठ फतुहा में सार्वजनिक हित के साधन विकसित किये जाने के लिए केन्द्रीय मंत्र की घोषणा से फतुहां के लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। ब्रजेश मुनि का कहना है कि वे मठ के विकास के साथ साथ मठ की अतिक्रमित जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराकर उसका अधिकाधिक उपयोग
राज्यहित और जनहित में करना हमारा ध्येय है। ब्रजेश मुनि ने कहा कि मैं मठ के विकास के हित में और सार्वजनिक हित में मठ की उपयोगिता के बारे में सोचता हूँ और उसके लिए काम करता हूँ।

न्यास समिति का सहयोग नहीं मिलने के कारण मठ के विकास कार्य में बाधा उपस्थित हो रही है। यहाँ साधू संतों की सेवा मंदिर में सेवा पूजा, राग भोग की व्यवस्था भी फिलहाल स्वयं कर रहे हैं।

फतुहा के अलावे ब्रजेश मुनि ने धर्माचार्य जागू गद्दी कबीर मठ बिदुपुर की शाखा मठ सोनामा दीसरगंज पटना के न्यासधारी महंथ रूप में वहाँ की अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराकर मठ में भवन निर्माण कराया, गो-सेवा, साधू सेवा आदि की व्यवस्था नियमित करने में सफलता प्राप्त की। अब यहाँ भी साधू सेवा नियमित रूप से हो रहा है।

उपेक्षित कबीरपंथी आश्रम मीठापुर के न्यासधारी महथ रूप में ब्रजेश मुनि ने इस मठ को अतिक्रमण मुक्त करा कर यहाँ अभिनव प्रयोग कर कबीरपंथी श्रद्धालुओं के साथ साथ साई भक्तों को जोड़ा और देश का पहला कबीर साई मन्दिर जन सहयोग से बनवाया। जहाँ एक टूटी झोंपड़ी थी वहाँ आज चार मंजिला भवन जन सहयोग से बनावा दिया। स्थानीय निवासियों के लिए इस स्थान को आध्यात्मिक आस्था का केन्द्र रूप में विकसित किया। यहाँ सप्ताह में गुरुवार एवं शनिवार को भजन, सत्संग एवं भंडारा का नियमित आयोजन आरंभ किया और आम जनता को इस आश्रम में जोड़ने सफलता प्राप्त किया। यहाँ जन स्वास्थ्य के हित में कबीर साई डेन्टल हास्पीटल भी विकसित किया जहाँ दंत चिकित्सा सेवा कार्य भी आरंभ किया गया है।

इन सब कार्यो के अतिरिक्त सद्गुरु कबीर के विरासतों को जन जन तक पहुँचाने एवं जन हित में विकास कार्यों का लाभ जन सामान्य तक पहुँचाने के उद्देश्य से ब्रजेश मुनि ने सदगुरू कबीर मिशन ट्रस्ट की स्थापना की है। इनका कहना है कि जन्म स्थान पर कबीर चौरा धाम सहित पटना के कबीरपंथी आश्रम, सोनामा कबीर मठ के महंथ रूप में मनोनुकूल विकास में सफलता से उत्साहित होकर कबीर मठ, फतुहां को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और इसे साम्प्रदायिक सौहार्द का विशिष्ट आध्यात्मिक केन्द्र रूप में विकसित करने का लक्ष्य लेकर भगीरथ प्रयास करने में लगा हूँ। किन्तु इतना कुछ करने के बावजूद न तो न्यास पर्षद द्वारा गठित न्यास समिति का सहयोग मिल रहा है न ही धार्मिक न्यास बोर्ड मठों के हित में मेरे योगदान का मूल्यांकन कर रही है। बावजूद इसके मुझे विश्वास है कि सद्गुरु की कृपा और जनता जनार्दन के समर्थन और सहयोग से अवश्य की अपने मठ को विकसित करने के लक्ष्य को पूरा करने में अवश्य ही सफलता मिलेगी।

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