2000 के नोट का सर्कुलेशन बंदी के कगार पर , आरटीआई से हुआ खुलासा।
डा.निरंजनकुमार की रिपोर्ट 
नेशनल डेस्क।
आपने पिछली बार 2000 रुपये का नोट कब देखा था? शायद काफी पहले की बात रही होगी। अब सोचिए कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? जी हां , इसकी वजह अब सामने आ गई है। दरअसल पिछले तीन साल से 2000 रुपये का एक भी नोट छापा ही नहीं गया है। इस स्थिति में यह नोट सर्कुलेशन में नहीं के बराबर है।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत इसका जवाब मांगा , जिसमें 2000 का नोट नहीं छापे जाने का खुलासा हुआ है। 
    सरकार ने 08 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाकर नोटबंदी की घोषणा की थी। इसके बाद नए नोट आए थे जिसमें 2000 रुपये का नोट भी शामिल था।
आरटीआई के मुताबिक साल 2019 - 20 , 2020 - 21 और 2021 - 22 के दौरान 2000 रुपये का कोई नया नोट  नहीं छापा गया। आरबीआई नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2016 -17 में 2000 रुपये के 35429.91 करोड़ नोट छापे थे। इसके बाद 2017 - 18 में काफी कम 1115.07 करोड़ नोट छापे गए और 2018 - 19 में इसे और कम कर मात्र 466.90 करोड़ नोट छापे गए।
     एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देश में जब्त किए गए 2000 रुपये के नकली नोटों की संख्या 2016 और 2020 के बीच 2272 से बढ़कर 244834 हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में देश में पकड़े गए नकली 2000 रुपये के नोटों की कुल संख्या 2272 थी। यह साल 2017 में बढ़कर 74898 हो गई। इसके बाद साल 2018 में यह घटकर 54776 रह गई। साल 2019 में यह आंकड़ा 90566 और साल 2020 में 244834 तक जा पहुंचा।
    आरबीआई ने 2015 में एक नए संख्या पैटर्न के साथ महात्मा गांधी सीरीज - 2005 में सभी मूल्यवर्ग में बैंक नोट जारी किए थे। विजिबल सिक्योरिटी फीचर के साथ आम जनता नकली नोट को असली से आसानी से अलग कर सकती है। बैंकिंग सिस्टम में पाए गए 90 प्रतिशत से ज्यादा जाली नोट लो क्वालिटी के थे और किसी भी प्रमुख सुरक्षा विशेषता से समझौता नहीं किया गया था। इन नोटों  की सुरक्षा विशेषताओं की डीटेल आम जनता के लिए आरबीआई की वेबसाइट पर शो किया जाता है। आरटीआई में कहा गया है कि आरबीआई जाली नोटों से बचाव के उपायों पर बैंकों को अलग - अलग निर्देश जारी करता है। केंद्रीय बैंक नियमित रूप से बड़ी मात्रा में नकदी का प्रबंधन करने वाले बैंकों और दूसरे संगठनों के कर्मचारियों तथा अधिकारियों के लिए जाली नोटों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है।

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