बालू माफिया से बिहार परेशान
अरुण कुमार पाण्डेय 
बिहार में बालू  महंगा होता जा रहा है। बालू से  सरकार की जितनी कमाई  हो रही हो उससे कइँ गुना अधिक कमाई  बालू के अवैध खनन से कारोबारियो की  हो रही है। सरकार कहती है कि 12 जिलों में 155 घाटों से  बालू का खनन हो रहा है । इससे 200 करोड़ की कमाई हुई है। अब पांच वर्षों के लिए  बालू घाटों की निलामी की प्रक्रियाधीन है।इससे 609 करोड़ की कमाई हुई है।
बालू के अवैध खनन से सरकार भी पूरी  तरह वाकिफ है। तभी तो इसकी रोकथाम के लिए 2021 में ही नियमावली बनी । सरकारी आंकड़े  के अनुसार कार्रवाई भी हो रही है।अवैध खनन और परिवहन में लिप्त  वाहनों के लिए  25 हजार से चार लाख रुपये तक जुर्माना  एवः खनिज मूल्य  स्वामित्व  का 25 गुना जुर्माना का कानूनी प्रावधान है। पिछले वर्ष  अवैध खनन की रोकथाम  के लिए दिसम्बर तक 16185 छापेमारी,3295 प्राथमिकी, 1881 गिरफ्तारी और 14670 वाहनों की जब्ती की कार्रवाई हुई। दण्ड स्वरूप 18 लाख रुपए की वसूली भो हुई । परंतु सरकार की कार्रवाई  ही धड़ल्ले से जारी  अवैध खनन का आईना है।
इस सच्चाई को कौन इंकार कर सकता है कि बालू माफिया का संगठित सिंडीकेट चल रहा है। बालू के अरबों के कारोबार में न दल का विभेद है और हितों का टकराव। राजनेता,अधिकारी ,कारोबारी और अपराधी तत्वों के गठजोड से अवैध खनन हो रहा है।आये दिन इसको लेकर वर्चस्व की लड़ाई, गोलीबारी और मौत की घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
इसी क्रम मे बिहटा में खनन विभाग की महिला निरीक्षक पर जानलेवा हमला का वायरल वीडियो से शासन-प्रशासन के इकबाल और पुलिस की हनक पर सवाल उठना लाजिमी है। इस सिलसिले मे एफआईआर दर्ज कर धड़पकड़ भी हुई  है।परंतु ऐसी शर्मनाक घटना की पुनरावृति रोकना ही कठिन चुनौती है।
खान मंत्री रामानंद यादव ने मौके का मुआयना कर अवैध खनन की रोकथाम रोकने हेतु सभी जिलों में अब  भारी संखया में सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती के साथ विभाग की ओर से चेकपोस्ट स्थापित करनेश की बात कही है। इसके पहले वित्त मंत्री विजय कुमार चोधरी ने इसी वर्ष के बजट भाषण में कहा था कि अवैध खनन,परिवहन एवं भंडारण को रोकने के लिए कार्रवाई और दंड का कानून बनाने वाला बिहार पहला राज्य है।
खेद,बिहार में आज स्थिति ठीक विपरीत है।बिहार में बालू अन्य राज्यों से महंगा है। प्रति ट्रैक्टर छह से आठ हजार रुपए बालू बिक रहा है। बालू से पिछले वर्षों की तुलना में सरकार की कमाई दो हजार करोड से अधिक की हो रही है।इसे तीन हजार करोड रुपये तक करने का लक्ष्य है।उधर कारोबारी की कमाई  20-25 हजार करोड रुपए होने से कौन रोकेगा? बालू का अवैध खनन और दारू का काला धंधा रोकना शायद  सरकार के बूते से बाहर दिख रहा है। 



Top